व्यक्तित्व



अंग्रेज़ी के कैम्ब्रिज अन्तर्राष्ट्रीय शब्दकोश के अनुसार ‘आप जिस प्रकार के व्यक्ति हैं, वही आपका व्यक्तित्व है और वह आपके आचरण, संवेदनशीलता तथा विचारों से व्यक्त होता है।’ लांगमैंन के शब्दकोष के अनुसार ‘किसी व्यक्ति का पूरा स्वभाव तथा चरित्र’ ही व्यक्तित्व कहलाता है। कोई व्यक्ति कैसा आचरण करता है, महसूस करता है और सोचता है; किसी विशेष परिस्थिति में वह कैसा व्यवहार करता है। यह काफ़ी कुछ उसकी मानसिक संरचना पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति की केवल बाह्य आकृति या उसकी बातें या चाल-ढाल उसके व्यक्तित्व के केवल छोर भर हैं। ये उसके सच्चे व्यक्तित्व को प्रकट नहीं करते। व्यक्तित्व का विकास वस्तुतः व्यक्ति के गहन स्तरों से सम्बन्धित है। अतः मन तथा उसकी क्रियाविधि के बारे में स्पष्ट समझ से ही हमारे व्यक्तित्व का अध्ययन प्रारम्भ होना चाहिए।

कर्म संन्यास

  ज्ञान और भक्ति का सही सम्मलेन ही वह पड़ाव है जहाँ से कर्म को एक सही दिशा मिल जाया करेगी और व्यक्ति अपने लिए एक निर्णायक मार्ग कि तलाशी कर स...